मेरे पापा मेरी शादी मैं करुँगी जैसे कोई लड़का अपने पैर पर ! मेरे पापा मेरी शादी मैं करुँगी जैसे कोई लड़का अपने पैर पर !
ये कविता वर्तालाप है मेरे और मेरी आत्मा के बीच| जब मैं अपने वजूद और उपस्थिति के बारे में सोचता हूँ त... ये कविता वर्तालाप है मेरे और मेरी आत्मा के बीच| जब मैं अपने वजूद और उपस्थिति के ...
मेरा पीछा क्यों कर रहे हो जीवन के अनगिनत उलझनों में फंसा हूँ! मेरा पीछा क्यों कर रहे हो जीवन के अनगिनत उलझनों में फंसा हूँ!
मैं भीगी हूं आंसुओं के प्रसार में क्या मेरा हक नहीं इस संसार में। मैं भीगी हूं आंसुओं के प्रसार में क्या मेरा हक नहीं इस संसार में।
तू मेरी मैं तेरा फिर भी है प्यार कैसा , जैसे बदले है मौसम बदला है जमाना। तू मेरी मैं तेरा फिर भी है प्यार कैसा , जैसे बदले है मौसम बदला है जमाना।
इंसान की जिंदगी में कई प्रेरणास्रोत, उनके जीवन मुल्य उतारता अपने भीतर, कई बार होता का इंसान की जिंदगी में कई प्रेरणास्रोत, उनके जीवन मुल्य उतारता अपने भीतर, कई ...